लो मैं,तुम हुआ और यूँ ही महकते हुये सपनों को स्पर्श करते हुए! लो मैं,तुम हुआ और यूँ ही महकते हुये सपनों को स्पर्श करते हुए!
प्रेम में पूरा शहर एक छत बन जाता है प्रेम में पूरा शहर एक छत बन जाता है
जन्म से ही समझे इन्सान है नश्वर ये तन आता जाता रहता धन जन्म से ही समझे इन्सान है नश्वर ये तन आता जाता रहता धन
किस्मत का खेला खेल मैं तो कठपुतली बनी किस्मत का खेला खेल मैं तो कठपुतली बनी
हत्या,हत्या ,हत्या आए दिन खबरें ये छपतीं कहीं कोई मरा, किसी ने किसी को दिया दगा, इत हत्या,हत्या ,हत्या आए दिन खबरें ये छपतीं कहीं कोई मरा, किसी ने किसी को ...
भोजन बनाने में मुझे बड़ा मजा आता है, बनाते बनाते ही पेट भर जाता है, भोजन बनाने में मुझे बड़ा मजा आता है, बनाते बनाते ही पेट भर जाता है,